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कृष्ण कन्हैया आज तुम्हारे हाथ में राखी बांधूगी

  • Krishna kanhiya aaj tumhare hath me rakhi baandhungi

कृष्ण कन्हैया आज तुम्हारे हाथ में राखी बांधूगी
प्रेम भाव के सिवा कन्हैया, तुमसे कुछ नहीं मांगूगी

इस राखी के तार-तार में प्यार छिपा है बहना का
सौगंध है तुम्हे मेरी कन्हैया, कहना मानो बहना का
मुझको अपनी बहन बना लो, भैया तुमको मानूगी

बहन द्रोपदी जैसा कन्हैया अपना प्यार मुझे देना
आशा लेकर आयी कन्हैया मुझको सदा निभा लेना
आज से तुमको सदा कन्हैया रक्षक अपना मानूगी

हाथ बढाओ आगे कन्हैया, इस राखी को बंधवाओ
आशीर्वाद मुझे देकर के मुझको कान्हा अपना लो
बहन सुभद्रा जैसी बनकर तुमसे प्रीत निभाऊगी

मधुर मिलन की इस बेला में यह राखी स्वीकार करो
आशा लेकर बहन खड़ी है, सिर पे दया का हाथ धरो
बिन बंधवाये राखी कन्हैया आज नहीं जाने दूंगी

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