कैसे कह दूँ सांवरिया मेरी सुनता नहीं अरदास है

  • Kaise Kah Dun Sanwariya Meri Sunta Nahin Ardaas Hai

कैसे कह दूँ सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है-०२
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२
कैसे कह दूँ सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है,
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२

सुख दुःख दोनों कर्म के पहलु, इससे बच ना सका कोई,
दोनों पल में साथ सांवरा, इनसे बड़ा ना सगा कोई-०२
भटकूँ जो मुश्किल राहों में, थामेगा विश्वाश है-०२
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२

और इस प्यारा भजन का भी अवलोकन करें: मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम?

माँ के जैसे हीं ये मुझपे, अपना प्यार लुटाता है,
बाबुल के जैसे हीं मेरे सर पे हाथ फिराता है-०२
मेरा और मेरे श्याम का प्यारे रिश्ता बड़ा हीं खाश है-०२
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२

ज्यादा मिले मिले या थोड़ा, हर पल श्याम का शुक्राना,
रसिक श्याम से अर्जी मेरी, जीवन भर ना बिसराना-०२
अंतिम समय में मिलन हो मेरा, इतनी सी बस आस है,
अंतिम समय में मिलन हो मेरा, बस इतनी सी आस है,
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२
कैसे कह दूँ सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है,
जब भी ग़मों ने घेरा, मैंने पाया अपने पास है-०२


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