खाटू वाले श्याम जी कमाल हो गया
खाटू वाले श्याम जी,
कमाल हो गया,
बंदा तेरा बाबा,
मालामाल हो गया,
जब चढ़ गयी खुमारी तेरे नाम की,
तब परवाह नहीं संसार की,
तब परवाह नहीं संसार की,
कभी सुबह जपता,
कभी शाम जपता,
माला जपे तेरे नाम की।।
तर्ज – यार मेरा तितलियाँ वरगा।
खाटू जाने के लिए,
तैयार रहता है,
दिन में सौ सौ बार,
जय श्री श्याम कहता है,
प्रेमियों से सांवरे की,
बातें करता है,
खाटू जाने के लिए,
तैयार करता है,
किलोमीटर की गिनती,
वो करता नहीं,
तूफान आँधियों से बाबा,
वो डरता नहीं,
जिन्हें दीखता ही बस,
बाबा श्याम हो,
उन्हें परवाह नहीं,
किसी बात की,
कभी सुबह जपता,
कभी शाम जपता,
माला जपे तेरे नाम की।।
बातें तोरण द्वार की,
दिन रात करता है,
हर बात की शुरुआत,
तेरे साथ करता है,
कहता बाबा श्याम,
मेरे साथ चलता है,
इत्र लगाकर बाबा,
वो इजहार करता है,
श्याम बाबा के जैसा,
कोई दानी नहीं,
नाम लेने में इनके,
कोई हानि नहीं,
जब नैया चलाए,
बाबा श्याम ही,
तब परवाह नहीं,
किसी बात की,
कभी सुबह जपता,
कभी शाम जपता,
माला जपे तेरे नाम की।।
जब सर को तेरे दर पे,
मैं झुकाता हूँ,
सर पे तेरा हाथ,
दीनानाथ पाता हूँ,
कोई बिन लालच के,
कोई काम ना करे,
झोली भरने बाबा,
सरेआम आता हूँ,
झोली भरने में,
बाबा श्याम देर ना करे,
देर होगी भले पर ये,
अंधेर ना करे,
माला ‘मित्तल’ जपे,
तेरे नाम की,
उसे परवाह नहीं संसार की,
कभी सुबह जपता,
कभी शाम जपता,
माला जपे तेरे नाम की।।
खाटू वाले श्याम जी,
कमाल हो गया,
बंदा तेरा बाबा,
मालामाल हो गया,
जब चढ़ गयी खुमारी तेरे नाम की,
तब परवाह नहीं संसार की,
तब परवाह नहीं संसार की,
कभी सुबह जपता,
कभी शाम जपता,
माला जपे तेरे नाम की।।