जागूं ग्यारस की रातों में तेरा ज़िक्र मेरी सब बातो में
जागूं ग्यारस की रातों में, तेरा ज़िक्र मेरी सब बातो में,-०२
फिर भी वो लकीर नहीं मिटती-०२
जो खींच दी तूने हाथो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम, कभी आके तू बरसातों में-०२
हर साल ये विपदा आती है, हर बार ये घर ढह जाता है,
तस्वीर तेरी रह जाती है, बाकी सब कुछ बह जाता है,
हर साल ये विपदा आती है, हर बार ये घर ढह जाता है,
तस्वीर तेरी रह जाती है, बाकी सब कुछ बह जाता है,
हम तुझे छुपा लेते हैं श्याम-०२
इन टूटे फूटे छातों में,
मेरे घर की हालत देख श्याम, कभी आके तू बरसातों में-०२
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सर पे है घटाओं की चादर, धरती की सेज बिछाते हैं,
जय श्री श्याम कहकर अक्सर बच्चे भूखें सो जाते हैं,
सर पे है घटाओं की चादर, धरती की सेज बिछाते हैं,
जय श्री श्याम कहकर अक्सर बच्चे भूखें सो जाते हैं,
तेरी ज्योत जगानी ना छोड़ी-०२
ऐसे भी हालातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम, कभी आके तू बरसातों में-०२
कोई और दुआ ना मांगी है, मांगा है बस एक प्यार तेरा,
तू मालिक सारी दुनिया का, दर दर भटके परिवार तेरा,
कोई और दुआ ना मांगी है, मांगा है बस एक प्यार तेरा,
तू मालिक सारी दुनिया का, दर दर भटके परिवार तेरा,
हमको तो ताने देते हैं-०२
जग वाले बातो बातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम, कभी आके तू बरसातों में-०४