दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
हो तरस रहियां नि माये बरस रहियां,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
वन वन डुंडा जोगन बनके,
हाल बेहाल विजोगन बनके,
हो कई रुता आ के बीत गैयाँ,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
लगन मगन हो कमली होई,
की गुजरे की जाने कोई,
हो ताहने मारण सब सैयां,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
दीद तेरी दे नैन प्यासे,
लोक बहाने बन गये हासे,
मैं द्वार तेरे ते आन पाई आ,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
दर्द किसे दा की कोई जाने,
मता देंदे ने लोक सयाने,
पर तू क्यों सारा न लाइयाँ,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
है कर्मा दी माँ लेख लिखारी,
मैं तरले मिंता कर कर हारी,
तू जो कहा मैं मन लिया,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
जिस तन लागे सो जाने सोई,
लाल तेरा जेहा होर न कोई,
हो तेनु बहुत ने मेरे जेहेया,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ
दिल आसन कदों तो खाली,
आन विराजो माँ शेरो वाली,
ओ तक तक राह्वा थक गई आ,
दर्शन बिन अख्खियाँ तरस रहियाँ