फंसी भंवर में थी मेरी नैया
फंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलाई तूने तो चल पड़ी है-०२
पड़ी जो सोई थी मेरी किस्मत,
पड़ी जो सोई थी मेरी किस्मत, वो मौज करने निकल पड़ी है,
फंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलाई तूने तो चल पड़ी है-०२
भरोसा था मुझको मेरे बाबा, यकीन था तेरी रहमतों पे-०२
था बैठा चौखट पे तेरी कब से,
था बैठा चौखट पे तेरी कब से, निगाहें निर्धन पे अब पड़ी है,
फंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलाई तूने तो चल पड़ी है-०२
और इस भजन को भी देखें: मेरे मन के मंदिर में बस तेरा ही नाम
सजाऊँ तुझको निहारूँ तुझको, पखारूँ चरणों को श्याम तेरे-०२
मैं नाचूँ बनकर के मोर बाबा,
मैं नाचूँ बनकर के मोर बाबा, ये भावनाएं मचल पड़ी है,
फंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलाई तूने तो चल पड़ी है-०२
हँसे या कुछ भी कहे जमाना, जो रूठे तो कोई गम नही है-०२
मगर जो रूठा तू ‘लहरी’ मुझसे,
मगर जो रूठा तू ‘लहरी’ मुझसे, बहेगी अश्को की ये झड़ी है,
फंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलाई तूने तो चल पड़ी है-०२