श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो
श्री गोवर्धन महाराज महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो-०५
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े-०२
तोपे चढ़े, जय हो-०२
तोपे चढ़े दूध की धार, ओ धार, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोवर्धन महाराज महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो-०३
तेरे कानन कुंडल साज रहे, तेरे कानन कुंडल साज रहे-०२
ठोड़ी पे, जय हो-०२
ठोड़ी पे हिरा लाल, ओ लाल, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोवर्धन महाराज महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो-०३
तेरे गले में कंठा सोने को, तेरे गले में कंठा सोने को-०२
तेरी झांकी, जय हो-०२
तेरी झांकी बनी विशाल, ओ विशाल, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोवर्धन महाराज महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो-०३
तेरी सात कोस की परिक्रमा, तेरी सात कोस की परिक्रमा-०२
और चकले, जय हो-०२
और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम,तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोवर्धन महाराज महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो-०४
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो….