श्याम तोसे प्रीत लगाई रे

  • Shyam Tose Preet Lagayi Re

श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे,
मैं तो श्याम तेरी ही दीवानी, मैं तो श्याम तेरी ही दीवानी,
तू क्यों बुलाई रे ,
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे।

नित उठ तेरी छवि निहारूं, तेरी भवन में झाड़ू बुहारूं,
पल पल मैं तुझको ही पुकारूं, सुबह शाम तेरी नज़रे उतारूं,
तेरी चरणों में जीवन बिताऊं, तेरी चरणों में जीवन बिताऊं,
कर दो सुनाई रे,
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे।

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हर सत्संग कीर्तन में मैं जाऊं , मीरा बन कर तुझको रिझाऊं,
तेरे नाम की रटनी लगाऊं, हर पल तुझको भूल न पाऊं,
कैसे मेरे मन को समझाऊं, कैसे मेरे मन को समझाऊं,
कृष्ण कन्हाई रे ,
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे।,

कण कण में नारायण तू दीखता, रोम-रोम में तू ही तो बसता,
मुझको बता दो आकर के रास्ता, सब कहते है पालनकर्ता,
सुनील शर्मा तुझको ही भजता, सुनील शर्मा तुझको ही भजता,
क्यों देर लगायी रे,
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे,श्याम तोसे प्रीत लगायी रे।


https://youtu.be/iiv98hGyiUI

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