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राम का ऐसा दीवाना दूसरा देखा नहीं

  • ram ka esa diwana dushara dekha nhi

राम का ऐसा दीवाना दूसरा देखा नहीं,
दूसरा देखा नहीं दूसरा देखा नहीं ,
कहता है सारा ज़माना दूसरा देखा नहीं,

खोज सीता जी की लाये सोने की लंका जलाये,
धीर रघुवर को बंधाये दूसरा कोई देखा नहीं,

राम के रंग में रंगे है राम सांसो में रमे है,
राम सीने में वसे है दूसरा देखा नहीं,

राम की सेवा में जीवन कर दिया जिस ने समपर्ण,
राम को अभिमान जिनपे दूसरा देखा नहीं,

राम जी का भक्त ऐसा ना हुआ न होगा कोई,
राम भी मोहित है जिसपे दूसरा देखा नहीं,

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