पहिले पहीले छठि मैया अयलौं तोहर दुआर
पहिले पहीले छठि मैया,
अयलौं तोहर दुआर ।
देबै सनतान छठि मैया,
बढ़य कुल परिवार ।।
छठि तोर मान मनायब,
अनलौं लाले अड़हुल ।
सुरूज के अपने चढ़ायब,
लोढ़लौं भोरे भोरे फूल ।।
हरू हरू दुःख हे दिवाकर,
भेलै अरघ के बेर ।
शीत मासे जल मे कंपै छी,
करियौ आब नै अबेर ।।
साँच फल सूपमे सजेलियै,
आऊ देखू छठि माय ।
ऊगू रवि कत चलि गेलियै,
देथिन अरघ हे दाय ।।
सुनू छठि भजन गबै छी,
करियौ जनम सनाथ ।
अनधन लछमी मँगै छी,
रखियौ हाथ मोर माँथ ।।
