मिल जाय हमको साथ तुम्हारा सर पे हो हाँथ तुम्हारा

  • Mil Jaye Humko Sath Tumhara Sar Pe Ho Hath Tumhara

मिल जाय हमको साथ तुम्हारा, सर पे हो प्रभु हाथ तुम्हारा,
सुख दे दु:ख दे तेरी मर्जी, मैं हूँ बाबा दास तुम्हारा ।। टेर ।।

तर्ज – साथी हमारा कौन बनेगा ।

आ गया शरण में तेरी, थोड़ी सी भीख देदे,
जिन्दगी कैसे जीऊँ, थोड़ी सी सीख देदे,
हमें सुनादो आकरके तुम, गीता का वो ज्ञान – २
दूर करो अज्ञान हमारा मैं हूँ बाबा दास तुम्हारा ।।१।।

देखूँ जो अवगुण अपने, शर्म हमको है आये ,
जो देखूँ कृपा तुम्हारी, आँखें ये नम हो जायें,
पापी से पापी पर भी तुम करते हो उपकार – २,
हमको भी मिल जाय किनारा, मैं हूँ बाबा दास तुम्हारा ।। २ ।।

चलती है मर्जी तेरी, बात ये समझ में आयी,
जानते हो प्रभु तुम, मेरी है किसमें भलायी,
तेरे हाथों सौंप दी जीवन, डोरी अब दातार – २,
दीन ने दीनानाथ पुकारा, मैं हूँ बाबा दास तुम्हारा ।।३।।

तुम तो हो मालिक बाबा, हमपे अधिकार तुम्हारा,
न भूलूँ जनम जनम तक प्रभु एहसान तुम्हारा,
हम तो हरदम खड़े रहेंगे, दोनो हाथ पसार – २,
‘रोमी’ करे गुणगान तुम्हारा, मैं हूँ बाबा दास तुम्हारा ।।४।।

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