मस्ती नाम की

  • masti naam ki

चढ़ गई… मस्तों को, मस्ती नाम की॥
एक-दो दिन की, नहीं ये तो…
चढ़ गई, उम्र तमाम की…
चढ़ गई… (चढ़ गई) ॥
हो चढ़ गई… मस्तों को, मस्ती नाम की॥

ये नाम सच्चे की मस्ती है,
ना चोरी है, ना ठगी है।
वो सबके पर्दे रखता है,
हमारी उससे, दरबार से लगी है॥
सारी जिंदगी मौजें हैं…
अब बात सुबह की, या शाम की…
चढ़ गई… (चढ़ गई) ॥
हो चढ़ गई… मस्तों को, मस्ती नाम की॥

अब किसी के लिए भी भेदभाव का,
दिल पर साया लगता नहीं।
दुनिया ही अपनी लगती है,
अब कोई पराया लगता नहीं॥
एक ही जोत दिखती हो…
अल्लाह की या राम की…
चढ़ गई… (चढ़ गई) ॥
हो चढ़ गई… मस्तों को, मस्ती नाम की॥

संजीव, जो मस्ती लेनी है,
गले दुपट्टा डालकर सजदा कर।
एक झूठ बोले से कर तौबा,
एक मैं मिटाकर सजदा कर॥
सच्चे दिल से हो जाए जो…
सारी बात सलाम की…
चढ़ गई… (चढ़ गई) ॥
हो चढ़ गई… मस्तों को, मस्ती नाम की॥

मिलते-जुलते भजन...