मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम?

  • Main Tere Liye Kya Likhun Shyam

तेरी मेरी कोई जान ना पहचान जी,
फिर भी किरपा कर गया सामान सी,
मेरे पास ऐसी भी कोई किताब ना,
जिन्हे शब्दों करूँ में बखान जी,
तेरे कितने गिनाऊँ एहसान जी,
मेरे नैना, मेरे नैना,
मेरे नैना हुए खुशियों से नम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं,
कहाँ से शुरू करूँ कहाँ ख़तम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम, मैं तेरे लिए क्या लिखूं-०२

श्याम !
सारी खुशियां ये मेरे पर वार दी,
मेरी पीढ़ियों की पीढ़ियां भी तार दी,
तुमसे जिंदगी के लिए प्रभु मांगू क्या,
तूने जिंदगी ये मुझको उधर दी,
ओ…..
सारी खुशियां ये मेरे पर वार दी,
मेरी पीढ़ियों की पीढ़ियां भी तार दी,
तुमसे जिंदगी के लिए प्रभु मांगू क्या,
तूने जिंदगी ये मुझको उधर दी-०२
मुझे फिर से दिया नया जनम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम, मैं तेरे लिए क्या लिखूं-०२

प्रभु कितना अकेला तेरा दास था,
कोई साथ ना कोई ना मेरे पास था,
मेरी दुनिया भी इतनी वीरान थी,
अपनी साये का ना मुझे एहसास था,
ओ…..
प्रभु कितना अकेला तेरा दास था,
कोई साथ ना कोई ना मेरे पास था,
मेरी दुनिया भी इतनी वीरान थी,
अपने साये का ना मुझे एहसास था-०२
मुझे मैं से, मुझे मैं से,
मुझे मैं से बनाया तूने हम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम, मैं तेरे लिए क्या लिखूं-०२

ओ…..
कह गए साधुओं ने संतो ने फ़क़ीर ने,
होगा वही जो लिखा है तक़दीर में
तूने हांथो से छुआ जो मेरे हांथो क़ो,
मिला वो भी जो ना था मेरे लकीर में,
ओ…..
कह गए साधुओं ने संतो ने फ़क़ीर ने,
होगा वही जो लिखा है तक़दीर में,
तूने हांथो से छुआ जो मेरे हांथो क़ो,
मिला वो भी जो ना था मेरे लकीर में-०२
तूने तोड़ दिए सारे भरम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम, मैं तेरे लिए क्या लिखूं-०२

तेरी मेरी कोई जान ना पहचान जी,
फिर भी किरपा कर गया सामान सी,
मेरे पास ऐसी भी कोई किताब ना,
जिन्हे शब्दों करूँ में बखान जी,
तेरे कितने गिनाऊँ एहसान जी,
मेरे नैना, मेरे नैना,
मेरे नैना हुए खुशियों से नम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं,
कहाँ से शुरू करूँ कहाँ ख़तम,
मैं तेरे लिए क्या लिखूं श्याम,
मैं तो जो भी लिखूं वो है कम, मैं तेरे लिए क्या लिखूं-०४

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