मैं जब भी पुकारू माँ दौड़ी चली आना
मैं जब भी पुकारू माँ, तुम दौड़ी चली आना-०२
इकपल भी ना रुकना माँ, मेरा मान बढ़ा जाना-०२
मैं जब भी पुकारू माँ, तुम दौड़ी चली आना-०२
इकपल भी ना रुकना माँ, मेरा मान बढ़ा जाना-०२
नवरात्रों में मैया, तेरी ज्योत जलाउंगी-०४
जब ज्योत जले मैया,
जब ज्योत जले मैया, आके दरश दिखा जाना-०२
मैं जब भी पुकारू माँ, तुम दौड़ी चली आना-०२
इकपल भी ना रुकना माँ, मेरा मान बढ़ा जाना-०२
सावन के महीने में, तेरा झुला डालुंगी-०४
जब झुला डलेगा माँ,
हो जब झुला डलेगा माँ, जरा झूलन आ जाना,
जब झुला डलेगा माँ, जरा झूलन आ जाना,
मैं जब भी पुकारू माँ, तुम दौड़ी चली आना-०२
इकपल भी ना रुकना माँ, मेरा मान बढ़ा जाना-०२
फागुन के महीने में, तेरा कलश भराउंगी-०४
जब रंग धुलेगा माँ,
जब रंग धुलेगा माँ, तुम खेलन आ जाना-०२
मैं जब भी पुकारू माँ, तुम दौड़ी चली आना-०२
इकपल भी ना रुकना माँ, मेरा मान बढ़ा जाना…….
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