क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए बार बार
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए बार बार-०३
कहाँ छिपे हो कन्हैया,
कहाँ छिपे हो कन्हैया आ जाओ सामने एक बार,
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए बार बार-०२
सांसो के तार पर मन की वीणा बोले-०२
लगी है लगन तेरी बस काहे तो तूँ ना बोले-०२
तुझे ढूँढू हर गली और ढूँढू द्वार द्वार-०२
कहाँ छिपे हो कन्हैया,
कहाँ छिपे हो कन्हैया आजा सामने एक बार,
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए बार बार-०२
और इस भजन को भी पढ़ें: वृन्दावन में हुकुम चले बरसाने वाली का
जाने कैसा जादू तेरी मुरली में है मोहन-०२
सुध विसरा दी श्याम भूल गई तन मन,
जाने कैसा जादू तेरी मुरली में मोहन,
सुध विसरा दी श्याम भूल गई तन मन,
मेरा करता है मन बस तेरी पुकार,
कहाँ छिपे हो कन्हैया आजा एक बार,
आजा एक बार,आजा एक बार,
करता है मेरा मन बस तेरी पुकार-०२
कहाँ छिपे हो कन्हैया,
कहाँ छिपे हो कन्हैया आजा सामने एक बार,
क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए बार बार-०२
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे