वृन्दावन में हुकुम चले, बरसाने वाली का

  • Vrindavan Me Hukum Chale Barsane Wali Ka

रास विलासिनी, श्री राधे
दिव्य सुवासिनी, श्री राधे
नवल किशोरी, श्री राधे
अति ही भोरी, श्री राधे
कंचन वर्णी, श्री राधे
नित्य सुख करणी, श्री राधे
सुभग भामिनी, श्री राधे
जगत स्वामिनी, श्री राधे

वृन्दावन में हुकुम चले, बरसाने वाली का-०२
कान्हा भी,कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का-०२

कोई नन्दलाल कहता, कोई गोपाल कहता,
कोई कहता कन्हैया, कोई बन्शी का बजैया,
नाम बदलकर रख डाला, उस कृष्ण मुरारी का-०२
कान्हा भी,कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का-०२

सबको कहते है देखा, बड़ी सरकार है राधा,
लगेगा पार भव से, कहो एक बार राधा,
बड़ा गजब का रुतबा है, उसकी सरकारी का-०२
कान्हा भी,कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का-०२

वहां डाली डाली पर, वहां पत्ते पत्ते पर,
राज राधा का चलता, गांव के हर रस्ते पर,
चारो तरफ़ डंका बजता, वृषभानु दुलारी का-०२ ,
कान्हा भी, कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधा रानी का,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का,

तमाशा एक देखा, जरा ‘बनवारी’ सुनले,
राधा से मिलने खातिर, कन्हैया भेष है बदले,
कभी तो चूड़ी वाले का, और कभी पुजारी का-०२
कान्हा भी,कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का-०२

​वृन्दावन में हुकुम चले, बरसाने वाली का-०२
कान्हा भी,कान्हा भी,
कान्हा भी दिवाना है, श्री राधे रानी का-०२

रास विलासिनी, श्री राधे
दिव्य सुवासिनी, श्री राधे
नवल किशोरी, श्री राधे
अति ही भोरी, श्री राधे
कंचन वर्णी, श्री राधे
नित्य सुख करणी, श्री राधे
सुभग भामिनी, श्री राधे
जगत स्वामिनी, श्री राधे

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