खोले रे किस्मत का ताला शिव गोरा का लाला

  • khole re ksimat ka taala shiv gora ka laala

मन मंदिर में ज्योत जला के बोलो गणेश का जय कारा,
खोले रे किस्मत का ताला शिव गोरा का लाला

सुंड सुंडला दुंड दुंडाला मन भावन घनराज है
सिर पे सोहे मुकट सुनेहरा नाग गरदनी हाथ है
हाथ में लड्डू मुशक सवारी कैसा ये रूप निराला
खोले रे किस्मत का ताला शिव गोरा का लाला

इक दंत घज वदन विनायाक लम्बोदर महाराज है
जो भी इनकी शरण में आता करते माला माल है
भोले भाले ये घनराजा गोरी पुत्र निराला
खोले रे किस्मत का ताला शिव गोरा का लाला

अद्भुत तेरा रूप घजानंद अद्भुत तेरी माया है
मात पिता की सेवा करके वर ये अनोखा पाया है,
प्रथम में लकी तुम को मनाता काम तू उसका सवारा,
खोले रे किस्मत का ताला शिव गोरा का लाला

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