गणपति बप्पा हर लो
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर
गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
गणपति बप्पा, हर लो…
गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
ऋद्धि-सिद्धि के दाता हो, तुम ही विधाता
(ऋद्धि-सिद्धि के दाता हो, तुम ही विधाता)
तुम ही हो गुरु, सखा, तुम पितु-माता
(तुम ही हो गुरु, सखा, तुम पितु-माता)
तेरे बिदाई है…
तेरे बिदाई है, प्रभु, उड़े हैं अबीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
“गणपति बप्पा” बोलो
तुम ही सहारा, देवा, तुम ही हो आशा
(तुम ही सहारा, देवा, तुम ही हो आशा)
पूजा भी ना जानें हम, हर लो निराशा
(पूजा भी ना जानें हम, हर लो निराशा)
होंठों पे प्यास है…
होंठों पे प्यास है, देवा, आँखों मे नीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
(गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर)
(हर बरस आएँगे हम सागर के तीर)
गणपति बप्पा, हर लो…
गणपति बप्पा, हर लो भक्तों की पीर
हर बरस आएँगे हम सागर के तीर
“गणपति बप्पा” बोलो
गणपति बप्पा (मोरया!), मंगल मूर्ति (मोरया!)
गणपति बप्पा (मोरया!), मंगल मूर्ति (मोरया!)