खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को
बोल जगन्नाथ पटे सुभद्रा मैया की- जय
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ
जय बलदेव, जय जय सुभद्रा
खींचो खींचो रे,
खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को,
संग लेकर सुभद्रा बलराम जी को,
निकले हैं प्रभु जग कल्याण को,
करलो दर्शन नीलाचल श्याम जी को,
खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे
खींचो, खींचो।
खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को-०२
संग लेकर सुभद्रा बलराम जी को-०२
निकले हैं प्रभु जग कल्याण को-०२
करलो दर्शन नीलाचल श्याम जी को-०२
खींचो खींचो रे,
खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे,
खींचो, खींचो।
प्रेम सुधा अमृत बरसाते हैं,
महाप्रभु हर तरफ कृपा लुटाते हैं।
प्रेम सुधा अमृत बरसाते हैं,
महाप्रभु हर तरफ कृपा लुटाते हैं,
वो करुणा निधान करुणा के सागर हैं,
जो सारे जग के स्वामी कहलाते हैं,
हर लो, हर लो रे,
हर लो हर लो रे संकट, सारे जीव को,
मन में भर दो सबके भक्ति की प्रीत को।
खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे,
खींचो, खींचो,
खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को,
संग लेकर सुभद्रा बलराम जी को।
जगन्नाथः स्वामी नयन पथगामी,
नयन पथगामी भवतु मे,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथगामी,
नयन पथगामी भवतु मे,
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ
जय बलदेव, जय सुभद्रा
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ
जय बलदेव, जय सुभद्रा
ये काया जब मोह माया में जकड़ी,
डोर प्रभु अब तेरे रथ की हैं पकड़ी।
ये काया जब मोह माया में जकड़ी,
डोर प्रभु अब तेरे रथ की हैं पकड़ी,
बड़े बड़े प्रभु तेरे नयन प्यारे,
जगन्नाथ प्रभु तुम जग के रखवारे,
देख नैनो से,
देख नैनों से कर दो उद्धार सभी को,
जीवन कर डाला ये समर्पण तुम्हीं को।
खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे
खींचो, खींचो,
खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को,
संग लेकर सुभद्रा बलराम जी को,
निकले हैं प्रभु जग कल्याण को,
करलो दर्शन नीलाचल श्याम जी को,
खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे, खींचो रे,
खींचो, खींचो।
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ
जय बलदेव, जय सुभद्रा
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ
जय बलदेव, जय सुभद्रा
बोल जगन्नाथ बलदेव सुभद्रा मैया की- जय



