खींच रहे हैं राम गाड़ी जीवन की

  • Kheench Rahe Hain Ram Gaadi Jeevan Ki

डोर उन्हीं के,
डोर उन्हीं के हाथ, अपने तन मन की,
खींच रहे हैं राम, गाड़ी जीवन की-०२
डोर उन्हीं के हाथ, अपने तन मन की,
खींच रहे हैं राम, गाड़ी जीवन की-०२

थोड़ी सी है मेहनत अपनी, बाकी है सब राम पर,
मिटटी भी बिकती है अपनी, अब सोने के दाम पर,
राज हमारे,
राज हमारे राम जी का, कृपा हमारे राजन की,
खींच रहे हैं राम गाड़ी जीवन की-०२

और इस भजन को भी देखें: श्री राम जी हमारे सब काम कर रहे हैं

रघुवर को जितना देखें हम, उतना मन भर आता है,
एक झलक भी दर्शन पाकर, सारा दिन बन जाता है,
आंसू की,
आंसू की हर बूंद हमारी, गंगा जैसी पावन की,
खींच रहे हैं राम, गाड़ी जीवन की-०२

जीवन के उलझे धागे, अब अपने आप सुलझते हैं,
लगता है रघुनाथ हमारे, हाथ पकड़कर चलते हैं,
अब शबरी के,
अब शबरी के आँगन जैसी, धूल हमारी आँगन की,
खींच रहे हैं राम गाड़ी जीवन की-०२

जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम
जय जय राम, जय जय राम

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