जो पास तेरे वही है तेरा
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०२
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा,
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा,
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०२
तन भी तेरा नहीं है साथी,
एक दिन होगी इसकी माटी,
क्यों जोड़ रहा तू धन इतना,
जायेगा सब यही बसेरा,
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०२
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा,
सुख दुःख मान अपमान है सपना,
सच्चा मीत बना ले अपना,
तेरा अंतरात्मा का ज्ञान,
है प्रभु का सच्चा डेरा,
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०२
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा।
और इस भजन को भी देखें: श्याम रखते थे ख़बर तुम बेख़बर क्यों हो गये
जिसको तूने अपना जाना,
उससे भी हो जाना बेगाना,
ये जग की रीत पुरानी,
क्यों मन भटके सांझ सवेरा,
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०२
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा,
जो है भीतर वही शाश्वत,
बाहर की सब माया की लत,
जय गोविंद, जय जय गोपाल-०३
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा,
जो पास तेरे, वही है तेरा,
बाकी सब, मोह का घेरा।


