जो गुरु जी ना होते
ना दिल में शुकुन था ना लव पे हंसी थी,
यूँ मर-मर के जीना मेरी जिंदगी थी,
ना दिल में शुकुन था ना लव पे हंसी थी,
यूँ मर-मर के जीना मेरी जिंदगी थी,
ये जीवन भी मुझको दुबारा ना मिलता,
जो गुरू जी ना होते-०२
मेरी जिंदगी को सहारा ना मिलता,
जो गुरु जी ना होते-०२
भंवर में हीं रहती ये जीवन की नैया,
जो गुरु जी ना आते बनके खेवईया,
भंवर में हीं रहती ये जीवन की नैया,
जो गुरु जी ना आते बनके खेवईया,
तो किश्ती को मेरी किनारा ना मिलता,
जो गुरू जी ना होते-०२
मेरी जिंदगी को सहारा ना मिलता,
जो गुरु जी ना होते-०२
लिखा था मुक्कदर में दर-दर भटकना,
था दुश्मन जमाना ना था कोई अपना,
लिखा था मुकद्दर में दर-दर भटकना,
था दुश्मन जमाना ना था कोई अपना,
मुझे अपनेपन का नजारा ना मिलता,
जो गुरू जी ना होते-०२
मेरी जिंदगी को सहारा ना मिलता,
जो गुरु जी ना होते-०२
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मिलें मुझको गुरु जी मेरी ख़ुशनसीबी,
बदल गयी अमीरी में मेरी ये गरीबी,
मुझे साथ इतना प्यारा ना मिलता,
जो गुरू जी ना होते-०२
मेरी जिंदगी को सहारा ना मिलता,
जो गुरु जी ना होते-०२
मुझे प्यार अपनों का हासिल नहीं था,
ये दास रहम के भी काबिल नहीं था,
मुझे प्यार अपनों का हासिल नहीं था,
ये दास रहम के भी काबिल नहीं था,
मुझे रहमतो का इशारा ना मिलता,
जो गुरू जी ना होते-०२
मेरी जिंदगी को सहारा ना मिलता,
जो गुरु जी ना होते-०२