हे गजानंद आप की दरकार है भक्तों का सजा दरबार है

  • he gajanand aap ki darkar hai bhakto ka saja darbar hai

हे गजानंद आप की दरकार है,
भक्तों का सजा दरबार है,

शुभ घड़ी आई सुहानी आईये,
रिद्धि सिद्धि साथ अपने लाईये,
आप महिमा तो अपरम्पार है,
हे गजानंद…………

सबसे पहले आप की सेवा करें,
चरणों में सर को झुका वंदना करें,
पहनिये फूलों के लाते हार है,
हे गजानंद…………

देवाताओ का लगा जमघट यह,
ये बातें आप अब तक हैं कहा,
हम सभी को आप का इंतजार है,
हे गजानंद……

भक्तो की विनती सुन लीजिए,
भक्तों की आरजी है अर्जी है दर्शन दिजिए,
आप के उत्सव की जय जय जय कार है,
हे गजानंद……….

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