हरी हर एक हैं दोनो ना ये कम है ना वो कम है

  • hari har ek hai dono na ye kam hai na vo kam hai

हरी हर एक हैं दोनो ना ये कम है ना वो कम है,
ये रहते है हिमालये में वो रहते शीर सागर में,
ससुर घर दोनों रहते है,
ना ये कम है न वो कम है….

ये पीते भांग का प्याला,
वो पीते प्रेम रस प्याला,
नशे में दोनों रहते है,
ना ये कम है न वो कम है….

उमा की बात ये माने,
रमा की बात वो माने,
पिया का मान करने में,
ना ये कम है न वो कम है….

उन्हों ने त्रिम्भ को दांता,
इन हो ने यश सिर काटा,
ससुर अब मान करने में,
ना ये कम है न वो कम है….

उन्हों ने धार को काटा,
इन्हों ने वित्विपर काटा,
जगत उपकार करने में,
ना ये कम है न वो कम है….

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