गुरुवर तेरे चरणों की गर धुल जो मिल जाए
गुरुवर तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाए
सच्च कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाए
गुरुवर तेरे चरणों की,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बालक अज्ञानी हूँ, कैसे तेरा ध्यान धरूँ
तेरे ज्ञान का जो साया, इस दीन पे पड़ जाए
गुरुवर तेरे चरणों की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तेरे चरणों का साया, गुरु स्वर्ग से प्यारा है
मिटटी तेरे चरणों की, इक्क वार जो मिल जाए
गुरुवर तेरे चरणों की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सुनते हैं तेरी कृपा, दिन रात बरसती है
इक्क बूँद जो मिल जाए, किस्मत ही सँवर जाए
गुरुवर तेरे चरणों की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,