मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कॉल

  • mehra valiyan saiyan rakhi charna de kol

मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कॉल,
रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

मेरी फ़रयाद तेरे दर अगे होर सुनावा किह्नु,
खोल न दफ्तर ऐबा वाले दर तो थक न मेनू,
दर तो थक न मेनू रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

तेरे जेहा मेनू होर न कोई मैं जेहे लख तेनु,
जे मेरे विच ऐब न हुँदै तू बखशेंदा कहणु,
तू बखशेंदा कहणु रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

जे ओगन वेखे सहिभा ता कोई नही मेरी थाओ,
जे ते रोम शरीर दे ओह तो वध गुनाहों,
ओह तो वध गुन्हाओ रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

औखे वेले कोई नही न बाबुल वीर न माओ,
सबे थके देवदे मेरी कोई न पकड़े बाहों,
मेरी कोई न पकड़े बाहों रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

तू पापी पार लंगाया तेरा बक्शन हारा नाओ,
बिन मंग्या सब कुछ देवदा मेरा ठाकुर अगम अगाहो,
मेरा ठाकुर अगम अगाहो रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

वेख न लेख मथे दे मेरे करमा ते न जावी,
रखी लाज बिरद दी सतगुरु अपनी भगती लावी,
अपनी भगती लावी रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

लंग गया गुरु कलगियाँ वाला अखी आगे सियो,
जानी पीछे जान आसा दी नैना रास्ते गाइयो,
मेहरा वालियां साइयां………

उचे टीले चड चड वेखा बिट बिट अखी झाका,
दर्द विछोडे प्रीतम वाले मैं रो रो मारा हाका,
मैं रो रो मारा हाका रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

रास्ते दे विच गुरु जी तेरे एह दिल फर्श विशावा,
सोहने चरण तुहाडे जोड़ा एह दोवे नैन बनावा,
एह दो नैन बनावा रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

जवानी गई भुड़ापा आया उमरा लगी किनारे,
बीते जो तेरे चरना दे वोच सोई भले दिहाड़े,
सोई भले दिहाड़े रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

विशड गया तेरे चरना तो मैं खोटियां कर्मा करके,
हरि जी मेनू बक्श लवो प्रभु अपनी किरपा करके,
प्रभु अपनी किरपा करके रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ …….

बिरहो अग्नि अन्दर जीअड़ा एहो कोइलो होये जावे,
जियो रसायनी सोने वाला उलज उलज मर जावे,
मेहरा वालियां साइयाँ

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