गुरु पूनम पर्व जब भी आता है
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है-०२
गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है,
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है, गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है-०३
छोड़ के हम तो दुनिया को, गुरु शरण चल देते हैं-०२
प्यार उनका रह रह के सताता है, गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है,
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है,
गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है-०२
गुरु कृपा से हीं तो हमने जीवन का सुख पाया है-०२
दुःख के बादल छट गए सारे, गुरु का जिसपे साया है-०२
गुरु की कृपा से दुःख भी सुख बन जाता है-०२
आत्मा का पंछी कभी गाता है, गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है,
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है,
गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है-०२
और इस भजन को भी सुनें: सतगुरु मैं तेरी पतंग
यूं तो शिष्य अनेक गुरु के, गुरु ह्रदय वो रहते हैं-०२
पूर्ण समर्पित होकर के जो गुरुवाणी में बहते हैं-०२
ओ मनवा निश्चल बन, गुरु शरण में रम जा रे-०२
निश्चल बन जो गुरु शरण रम जाता है, गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है,
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है,
गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है-०२
भक्त कुमार के नैना भी तो गुरु दरश को तरसते हैं-०२
गुरु दरश की मेघ भी रहके, इन नैनो पे बरसते हैं-०२
गुरु की कृपा पावन कभी तो मुझपे बरसेगी-०२
जीवन का वो दिन कब आता है, गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है,
गुरु पूनम पर्व जब भी आता है,
गुरूजी का सन्देशा मिल जाता है-०२