गौरी के लाल करूं वंदना तुम्हारी
गौरी के लाल करूं वंदना तुम्हारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
तुमको मनौ सबसे पहले ओ देवा
दे गए वरदान तुम्हें पिता महादेवा।।
आओ जी पधारो करके मूस की सवारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
गौरी के लाल करूं वंदना तुम्हारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
वक्र तुंड त्रिकुंड सुचि सूद सुहावन
मोदक मिष्ठान तुम्हें अति मन भवन।।
रिद्धि सिद्धि के स्वामी तुम हो हितकारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी
गौरी के लाल करूं वंदना तुम्हारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
मैं मालीन दीन हीन शंभु सुत उबारो
भजे बलजीत दिन वर्षा भाव से तारो।।
अनाथ जान कृपा कीजे चार भुजा धारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
गौरी के लाल करूं वंदना तुम्हारी
कारज सब सिद्ध करो जाउ बलिहारी।।
