गणपति जी तुमको हम दिल से बुलाते है
गणपति जी तुमको हम दिल से बुलाते है,
सब देवो में पहले देवा तुम को मनाते है
पिताम्बर तन पे सिर मुकुट विराजे है,
कानो में कुंडल देखो देवा जी के साजे है,
लड्डूअन का भोग लगा देवा तुम्हें बुलाते है,
गणपति जी तुमको हम दिल से बुलाते है
मुसे की सवारी देखो मेरे देवा को भाति है,
भगतो की टोली देखो सिर चरणों में झुकाती है,
माँ गोरा के लाडले तुम्हें घर में बुलाते है,
गणपति जी तुमको हम दिल से बुलाते है
बल बुद्धि देने वाले मेरे देवा मन भाते है,
रिद्धि सिद्धि के स्वामी दुःख हरता कहलाते है,
झोलियां खुशियों से देवा भर के दिखाते है,
गणपति जी तुमको हम दिल से बुलाते है