डूब गयो पानी में देखो पार्बती को छोरा
अरे गली गली और गांव शहर में
अरे पीटो आज डिंडोरा रे
डूब गयो पानी में देखो
पार्बती को छोरा
एक समय कार्तिक और गजानन
गए थे गंगा नहाने
सुनो लाल जल में ना जाना
मना किया था माँ ने
कंचन जल माता गंगा का
जैसे काँच कटोरा
डूब गयो पानी में देखो
अरे पार्बती को छोरा रे
माता पार्वती दोनों से
ऐसे हँस के बोली
सुनो लाल तुम संभल संभल के
खेलो आँख में झोली
दोनों लाल लगे अति सुंदर
एक सोला एक गोरा
डूब गयो पानी में देखो
अरे पार्बती को छोरा रे
गणपति गुम हो गए गंगा में
पहुच गए पाताल
रो रो कहन लगी गौरा जी
डूब गयो मेरो लाल
दोनों है मेरी आँखों के तारे
जैसे चाँद चकोरा
अरे पार्बती को छोरा रे