डगमग नैया डोलती वाल्मीकि करतार

  • dagmag nayia dolti valmiki kartar

डगमग नैया डोलती, वाल्मीकि करतार,
तोरे बिना मझधार में, कौन लगाए पार,
कौन लगाए पार……

किसे पुकारे गोमती, कहाँ करें फरियाद,
मेरा भरोसा आप हो, ञैलोकी के नाथ,
किसे पुकारे गोमती, कहाँ करें फरियाद,
मेरा भरोसा आप हो, ञैलोकी के नाथ,
दासी की हर भूल को, बख्श दे यो दातार,
तोरे बिना मझधार में, कौन लगाए पार,
कौन लगाए पार……

आशा है विश्वास है, करोगे पूरण आस,
मेरे लाल कनोज की, फिर से जिएगी लाश,
आशा है विश्वास है, करोगे पूरण आस,
मेरे लाल कनोज की, फिर से जिएगी लाश,
प्रगट हो परमात्मा, बीत गए दिन चार,
तोरे बिना मझधार में, कौन लगाए पार,
कौन लगाए पार…….

दर्द मेरे का राहीया, सागर बड़ा विशाल,
वाल्मीकि बिना आपके, हाल हुए बेहाल,
दर्द मेरे का राहीया, सागर बड़ा विशाल,
वाल्मीकि बिना आपके, हाल हुए बेहाल,
आदि कवि संसार के, आप हो तारणहार,
तोरे बिना मझधार में, कौन लगाए पार,
कौन लगाए पार…….

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