चरणों में गुरुवर के,प्रणाम करता हूँ

  • charno me guruvar ke prnam karta hun

चरणों में गुरुवर के, प्रणाम करता हूँ,
स्वीकार कीजिए, दास की वंदना।

गुरुजी आप दयालु है, दयावान है,
करते रहते सदा, हमपे अहसान है,
भूल क्षमा कर देते है, और अपनी शरण में लेते है,
स्वीकार कीजिए, दास की वंदना,

हम तो भटक रहे थे, अंधकार में,
कोई मंज़िल नही थी, संसार में,
प्रेम का दीपक जला दिया, हमे धर्म का मार्ग दिखा दिया,
स्वीकार कीजिए, दास की वंदना,

अब तो मन में हमारे, यही है लगन,
कर दे किरपा तो हो जाए, प्रभु से मिलन
भक्ति का वर दे देना, थोड़ी सी सिफारिश कर देना,
स्वीकार कीजिए, दास की वंदना

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