चला गंगा किनारे
सजल दउरवा ध के कपारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
जानतानी महान हवे पारब
बाकी भौजी ना करा डिस्टर्ब
जानतानी महान हवे पारब
बाकी भौजी ना करा डिस्टर्ब
आवा ता नींद ना जगावा भिनसरे
सजल दउरवा ध के कपारे
चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
–चला
सुतला बिना आँख ललिआइल बा
नींद नइखे पुरा ए भौजी
नींद नइखे पुरा
खटिया पर नचनी देह थकाइल बा
मनिहा ना बुरा ए भौजी
मनिहा ना बुरा
— ठीक बा
हाली चला उग्ग जइहे
आदित्य गोसाईं
नखरे में बीत जाई
अरग सामिया
अरे करतारू तंग तोहार
भइल बा विचारे
सजल दउरवा ध के कपारे
चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
कहल मानो हमार भौजी हो
भैया के लियाला
अपना साइयां के लियाला
जड़ा पा लाके दिनवा हइले बा
दिक्कत में ना डाला, ऐ भौजी
दिक्कत में ना डाला
खेसारी हो सुनाये लागल
माई के जय जय हो
घाटे चला दिहले
अभिषेक संजय हो
अरे लगलू तू कइहा के बदला उतारे
सजल दउरवा ध के कपारे
चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे
ए देवरू, चला गंगा किनारे



