कबहुँ ना छूटी छठि मईया

  • Kabhun Na Chhuti Chhati Maiya

कबहुँ ना छूटी छठि मईया,
हमनी से बरत तोहार,
हमनी से बरत तोहार।

तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार,
छूटी नाही छठ के त्योहार।

अपने सरन में ही रखिह,
दिह आसिस हज़ार,
दिह आसिस हज़ार।

गोदिया भराईल छठी मईया,
बाटे राऊर किरपा अपार,
बाटे राऊर किरपा अपार।

चाहें रहब देसवा बिदेसवा,
छठ करब हम हर बार,
छठ करब हम हर बार।

डूबतो सुरुज के जे पूजे,
इहे बाटे हमर बिहार,
इहे बाटे हमर बिहार।

फलवा दउरवा सजाके,
अईनी हम घाट पे तोहार,
अईनी हम घाट पे तोहार।

दिहनी अरघ छठी मईया,
करीं हमर आरती स्वीकार,
करीं हमर आरती स्वीकार।

कबहुँ ना छूटी छठि मईया,
हमनी से बरत तोहार,
हमनी से बरत तोहार।

तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार,
छूटी नाही छठ के त्योहार,
छूटी नाही छठ के त्योहार,
छूटी नाही छठ के त्योहार।


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