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भजन प्रवाह – Bhajan Pravah
भजन प्रवाह – Bhajan Pravah

Author: Bhajan Pravah

Om Jai Lakshmi Mata Aarti
आरती संग्रह | लक्ष्मी माता भजन

ॐ जय लक्ष्मी माता आरती

Angana Padharo Maharani Mori  Sharda Bhavani
माँ दुर्गा भजन

अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी

Dharti Gagan Mein Hoti Hai Jai Jaikar
माँ दुर्गा भजन

धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार

चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है
माँ दुर्गा भजन

चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है

Maa Hai Mamta Teri
माँ दुर्गा भजन

माँ है ममता तेरी

Maine Sab Kuch Paya Daati Tera Darshan Pana Baki Hai
माँ दुर्गा भजन

मैंने सब कुछ पाया दाती तेरा दर्शन पाना बाकी है

Lai Le Maa Badhaiyan Aaj Lai Le Maa Badhaiyan
माँ दुर्गा भजन

लै ले माँ बधाईयाँ आज लै ले माँ बधाईयाँ

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खड़े पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे, ले ज्वाला तेरी भेट धरे। सुन जगदम्बे ना कर विलम्बे, संतन के भंडार भरे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे। बुद्धि विधाता तू जग माता, मेरा कारज सिद्व करे, मेरा कारज सिद्व करे, चरण कमल का लिया आसरा, शरण तुम्हारी आन पड़े, शरण तुम्हारी आन पड़े। जब-जब भीड़ पड़े भक्तन पर, तब-तब आप सहाय करे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली, जय काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरुणी रूप अनूप धरे, तरुणी रूप अनूप धरे। माता होकर पुत्र खिलावे, कहीं भार्या भोग करे, कहीं भार्या भोग करे। शुक्र सुखदाई सदा सहाई, संत खड़े जयकार करे सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये, भेट देन तेरे द्वार खड़े, भेट देन सब द्वार खड़े। अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,सिर सोने का छत्र फिरे, सिर सोने का छत्र फिरे। वार शनिचर कुमकुम बरणी, जब लुंकड़ पर हुकुम करे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली, जै काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे, रक्त बीज को भस्म करे। शुम्भ-निशुम्भ को क्षण हीं में मारे, महिषासुर को पकड़ दले, महिषासुर को पकड़ दले। आदित वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट हरे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। कुपित होकर दानव मारे, चण्ड-मुण्ड सब चूर करे, चण्ड-मुण्ड सब चूर करे। जब तुम देखी दया रूप हो, पल में संकट दूर करे, पल में संकट दूर करे। सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। सात बार की महिमा बरणी, सब गुण कौन बखान करे, सब गुण कौन बखान करे। सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी, अटल भवन में राज्य करे, अटल भवन में राज्य करे। दर्शन पावे मंगल गावे, सिद्ध साधक तेरी भेट धरे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे, माँ जै काली कल्याण करे। ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान करे, शिव शंकर हरी ध्यान करे। इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चंवर कुबेर डुलाय रहे, चंवर कुबेर डुलाय रहे। जय जननी जय मातु भवानी, अटल भवन में राज्य करे, सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे माँ जै काली कल्याण करे। मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खड़े पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे, ले ज्वाला तेरी भेट धरे, ले ज्वाला तेरी भेट धरे, ले ज्वाला तेरी भेट धरे, ले ज्वाला तेरी भेट धरे। https://youtu.be/1xqYB_oGCo0?si=5SFR6tVkZCMS64k7
माँ दुर्गा भजन

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा  

मेरा किसे ना पुछेया हाल माँ
माँ दुर्गा भजन

मेरा किसे ना पुछेया हाल माँ

Teri Murti Nahin Boldi
माँ दुर्गा भजन

तेरी मूर्ति नहीं बोल्दी

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