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भजन प्रवाह – Bhajan Pravah
भजन प्रवाह – Bhajan Pravah

Author: Bhajan Pravah

माँ दुर्गा भजन

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना

माँ दुर्गा भजन

माँ मनसा भवन के पट खोलिये

माँ दुर्गा भजन

जदे खेडदी ते खन मन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा

माँ दुर्गा भजन

ऐ मेवा मिठड़ा मेवा

माँ दुर्गा भजन

रूप धरे विकराल मैया

माँ दुर्गा भजन

मैंया जी ने आप जैसे भगतों से मिलाई है ये ही मेरी जिंदगी की असली कमाई है

माँ दुर्गा भजन

आजा मैं तो भटक गया राह में

माँ दुर्गा भजन

ओढ़ के चुनरिया लाल मईया जी मेरे घर आना

माँ दुर्गा भजन

सारी दुनिया बसे हे दाई

माँ दुर्गा भजन

सातों बहना जन्म लियो राजा के

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