अर्जी

  • Arji

जब जागना था मुझको, मैं सोया हुआ था,
दुनिया के झमेलों में, खोया हुआ था,
जब आँख खुली, जाना बड़ी देर करी है,
भूलों को क्षमा करना, ये विनती मेरी है,
रब्बा मेरी अर्जी, तेरे दर पे लगी है,
रब्बा मेरी अर्जी,
रब्बा मेरी अर्जी, तेरे दर पे लगी है।

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अच्छा बुरा जैसा हूँ, रब्बा हूँ तुम्हारा,
गिराने को हुआ जब भी, तूने हीं संभाला,
संभालेगा मुझे अब भी, ये आस जगी है,
रब्बा मेरी अर्जी, तेरे दर पर लगी है।

मैं तुझसे बंधा हूँ, मेरा कोई और नहीं है,
एक तेरे सिवा रब्बा, कोई ठौर नहीं है,
तुझ तक हीं सदा रब्बा, मेरी दौड़ लगी है,
रब्बा…
रब्बा…
रब्बा मेरी अर्जी, तेरे दर पे लगी है,
फूलों को क्षमा करना, ये विनती करी है,
रब्बा मेरी अर्जी, तेरे दर पे लगी है,
ओ ओ ओ ओ ओ……


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