मिट जायेंगे सारे कलेश अंखियां खोल हरी को देख
Mit Jayenge Sare Kalesh Ankhiya Khol Hari Ko Dekh
मिट जायेंगे सारे कलेश,
अंखियां खोल हरी को देख-०२
मिट जायेंगे सारे कलेश,
अंखियां खोल हरी को देख-०२
ये बंगला माटी का बना है-०४
ईट लगी ना एक, अंखियां खोल हरी को देख,
अंखियां खोल हरी को देख-०४
इस बंगले में नौ दरवाजे-०२
दसवां खोल के देख,अंखियां खोल हरी को देख,
अंखियां खोल हरी को देख-०४
इस बंगले में,दिया जले है-०४
बिन बाती बिन तेल,अंखियां खोल हरी को देख,
अंखियां खोल हरी को देख-०४
इस बंगले के तीन है मालिक-०४
ब्रह्मा विष्णु महेश,अंखियां खोल हरी को देख,
अंखियां खोल हरी को देख-०४
और इस भजन का भी अवलोकन करें: पकड़ लों हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे