आज बुधवार है गणपति जी का वार है
आज बुधवार है गणपति जी का वार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है गणपति जी का वार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है।
एकदन्त और दयावन्त ये चार भुजा धारी हैं, चार भुजा धारी हैं -०२
माथे पर सिंदूर सोहे मुसे की सवारी है, मुसे की सवारी है-०२
देवो में महान हैं माँ गोरा जी के लाल हैं,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है गणपति जी का वार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है।
और इसे भी अवलोकित करें: माँ वैभव लक्ष्मी आरती
अंधे को तुम आंख हो देते कोढ़िन को तुम काया है, कोढ़िन को तुम काया है-०२
बाँझन को तुम पुत्र हो देते निर्धन को तो माया है, निर्धन को तो माया है-०२
करते चमत्कार हैं करते भव से पार हैं,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है गणपति जी का वार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है।
रिद्धि सिद्धि के संग आ गणपति दर्शन के अभिलाषी हैं, दर्शन के अभिलाषी हैं-०२
लड्डूवन का हैं भोग लगाते हम सब दास दासी हैं, हम सब दास दासी हैं-०२
गणपति हमरी नैया की तू ही तो पतवार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है गणपति जी का वार है,
प्रथम पूज्य अधिकारी जी की महिमा अपरम्पार है,
आज बुधवार है।