दुनियां रंगीला बाग
दुनिया रंगीला भाग इक दिन छड़ जाना,
छड़ जाना,छड़ जाना,इक वार,
दुनिया नु छड़ जाना,
दुनिया रंगीला भाग,
भजन प्रभु दा जिह्ना ने किता,
प्रेम प्याला ओहना ने पीता,
क्यों सोया उठ जाग,
इक दिन छड जाना,
दुनिया रंगीला भाग………..
मात पिता और बंधू नाती,
बने बने के सब है साथी,
कोई न जाए साथ,
इक दिन छड जाना,
दुनिया रंगीला भाग………..
दुनिया चार दिना दा मेला,
लंगदा जाए अमृत वेला,
रोयेगा मल मल हथ,
इक दिन छड जाना,
दुनिया रंगीला भाग………..
क्यों तू बंदे समजे नाही
चरण कमल चित लागे नाही,
मंदे तेरे भाग,
इक दिन छड जाना,
दुनिया रंगीला भाग………..
जिह्ना ने जग विच पाप कमाए,
ओहना दा बेडा डूबदा जाए,
बस तू लगा दे पार,
इक दिन छड जाना,
दुनिया रंगीला भाग………..
