घर भी नरक जेया लगदा

  • ghar bhi nark jeya lagda

धिया माँ पेया दा मान जाने सारा ही जहां,
पर मारण लगेया धी नु दिल चो सी न हॉवे,
ओ घर भी नरक जेया लगदा जिथे धी न हॉवे,

धियाँ जम दियां हों पराईया एहना दे दूर बसेरे,
एह जग दा दस्तूर एह वस तेरे न मेरे,
इंज धियाँ कोलो बिन माँ प्यारे जी ना हॉवे ,
ओ घर भी नरक जेया लगदा जिथे धी न हॉवे,

धी बाबुल दे घर रेह्न्दी ओहदा मान रखी,
पड़ लिख के कुझ बन जावा एह अरमान रखदी,
पर धियाँ कोलो दुःख प्याला पी ना हॉवे,
घर भी नरक जेया लगदा जिथे धी न हॉवे,

ओह वीर दी सुख मंगदी माँ कोलो सदके जावे,
सब नु अपना समजे बेगानी आप कहावे,
फिर भी धियाँ तो माँ पेया दा दुःख पी न हॉवे,
घर भी नरक जेया लगदा जिथे धी न हॉवे,

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