मरुधर में ज्योत जगाय गयो

  • marudhar me jyot jgay gyo

मरुधर में ज्योत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फहराय गयो,
म्हारो साँवरियो बनवारी,
बण्यो पचरंग पेचाधारी,
भक्ता रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो ॥

राजा अजमल पूण्य कमायो,
थाने पुत्र रूप में पायो,
मेणादे लाड़ लड़ायो,
मायड़ बण दूध पिलायो,
भादुडे री बीज ने आई गयो,
चाँदनियाँ सु चमकाय गयो,
बाई सुगना आरती गावे,
भाटी हरजी चवर दुरावे,
श्री लक्ष्मी रूप नेतलदे,
संग में ब्याव कियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो ॥

बाबो हिंदुवा पीर कहायो,
रूणिचा नगर बसायो,
कोई उँचो नाही नीचो,
सब भेद भाव ने मीटायो,
धोरा धरती में आई गयो,
तंदूरा रा तान बजाई गयो,
बाबो तुर्रा किलंगी धारी,
लीला घोडा की असवारी,
कलजुग में बाबा,
पगल्या ने पुजवाय गयो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो ॥

बिछयोडा मीत मिलावे,
बाबो मन री आस पुरावे,
भक्ता री लाज बचावे,
जो ध्यावे पर्चो पावे,
हरजी भाटी गुण गाई गयो,
गोपालो शरणे आई गयो,
बाबो निकलन पिणेचा धारी,
जारी कीरत जग में भारी,
शरणा आयोड़ा भक्ता,
रो उद्धार कियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो।।

मरुधर में ज्योत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फहराय गयो,
म्हारो साँवरियो बनवारी,
बण्यो पचरंग पेचाधारी,
भक्ता रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो ॥

मिलते-जुलते भजन...