अरज म्हारी सुणता जाजो जी
अरज म्हारी सुणता जाजो जी
भीमाजी रा लाल मेहर तुम करता रहेजो जी
ग्वाल बाल सब ठाड़ा रहे और नवी नवी कर परणाम
माता गौर का लाडीला रे तुम गौवन का रखवाल
सखियाँ सारी दौड़ के आई बाई कृष्णा के पास
जुग जुग नातो अमर रहे यो भाई बईण को प्यार
तक तक नैना तकि रहे और बहे असुवन की धार
हिवड़ो म्हारो धक धक बोले छोडी चल्या मझदार
स्याणी सुंदर घोड़ी तुम्हारी रतन जड़ी ले लगाय
मसरू पितांबर झीण कसी रे चल सुहाणी चाल
