देव दीवाली मनाएंगे
खुशबू मनइहें देव दिवाली,
सँझिया में दियरी बारी के, बारी के।
गंगा नहाइब काशी में !
कार्तिक पूर्णिमा के परब मनाइब,
गंगा नहाइब काशी में-०२
ये जी कार्तिक पूर्णिमा के परब मनाइब,
गंगा नहाइब काशी में,
ए हो सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम जोड़े खलाशी के,
सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम लेके खलाशी के।
कान खोल के सुन ल, इ रिक्वेस्ट नइखे, वार्निंग बा
चढ़ल बा कार्तिक जबसे, कइनी परहेज हो,
लहसुन प्याज न खइनी, नाहीं नॉन वेज हो,
कसम से ! एक महीना से नहीं खाएं हैं।
चढ़ल बा कार्तिक जबसे, कइनी परहेज हो,
लहसुन प्याज न खइनी, नाहीं नॉन वेज हो,
गंगा में दीपक, दान करब हम,
देवरा भी अइहें झाँसी से, झाँसी से,
हां सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम जोड़े खलाशी के,
सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम लेके खलाशी के।
साथे बहिरे बाड़ का !
बड़ा शुभ पावन होला महीना इ कार्तिक के,
संघे पूजा पाठ न कइलअ, लइलअ जब से ब्याही के,
मेरा तो तोरा ल धान कुटा गया है !
बड़ा शुभ पावन होला महीना इ कार्तिक के,
संघे पूजा पाठ न कइलअ, लइलअ जब से ब्याही के, ब्याही के,
खुशबू मनइहें देव दिवाली,
सँझिया में दियरी बारी के, बारी के,
सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम जोड़े खलाशी के,
सैयां ड्राइवर जब संघे न चलबअ,
चल जाइम हम लेके खलाशी के।
और इस भजन को भी देखें: काशी में खुशहाली है देव दिवाली है
साफ़ साफ कह देतें है, अबकी कार्तिक पूर्णिमा मनी,
त काशी के घाट पर हीं मनी, त कइसहूं टाइम निकालिये,
और चलिए न।






