मंगल मूर्ति राम दुलारे
मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे ।
हे बजरंगबली हनुमान ,
हे महावीर करो कल्याण ।।
तीनो लोक तेरा उज्यारा,
दुखिओं का तूने काज सावरा ।
हे जगवंदन, केसरी नंदन ,
कष्ट हरो हे कृपा निधन ।।
तेरे द्वारे जो भी आया,
खली नहीं कोई लोटाया ।
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान ।।
तेरा सुमिरन हनुमार वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा ।
राम लखन सीता मन वसीय,
शरण पड़े का कीजे ध्यान ।।
मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे ।
हे बजरंगबली हनुमान ,
हे महावीर करो कल्याण ।।
