अब सौप दिया इस जीवन का सब भार
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में।
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में॥ x2
अब सौंप दिया इस जीवन का…
मेरा निश्चय बस एक यही,
एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं।
अर्पण करदूँ दुनिया भर का,
सब प्यार तुम्हारे हाथों में॥ x2
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में।।
यदि मानव का मुझे जनम मिले,
तो तव चरणों का दास बनू।
इस पूजक की एक एक रग का,
हर तार तुम्हारे हाथों में॥ x2
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में।।
जप जब संसार का कैदी बनू,
निष्काम भाव से काम करूँ।
फिर अंत समय में प्राण तजूं,
निरंकार तुम्हारे हाथों में॥ x2
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में।।
मुझ में तुझ में बस भेद यही,
मैं नर हूँ तुम नारायण हो।
मैं हूँ संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में॥
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में।
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में॥ x2


