नाम अनेको मगर माँ एक भगवती

  • naam aneko magar maa ek bhagwati

सब सतियो में बड़ी सती माँ पार्वती
नाम अनेको मगर एक माँ भगवती,

सती अंश की प्रचंड ज्योत से प्रगति आंबे ज्वाला
जिस ने अमर वरदान सदा माँ भगत अमर कर डाला
शक्ति सवरूपा जगदम्बे ही बनी वैष्णो माता है
श्री धर भगत को तार दिया जग जन्म जन्म गुण गाता है
माहा माया ही मंशा देवी कहलाती
नाम अनेको मगर माँ एक भगवती

सुनभ निसुंभ का वध करने को जब माता ने ठानी है
लेकर हाथ में खडक हाथ में बनी कालका रानी है,
चंड मुंड को मार के मैया चामुंडा केहलाई है
माँ की शक्ति से ही समय की चले गति
नाम अनेको मगर माँ एक भगवती

नो देवी की नो मूर्ति नव दुर्गा केहलाती है
अलग अलग नामो से दुनिया इन्हें बुलाती है
जो जिस रूप में याद करे माता दर्शन दिखलाती है,
अपने भगतो के दुःख हरती जीवन सफल बनाती है
माँ को जो भूले उसकी हो दुरगति,
नाम अनेको मगर माँ एक भगवती

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