यदि नाथ का नाम दयानिधि है
यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी ना कभी-०२
दुःखहारी हरी दुखिया जन के, दुःख कलेश हरेंगे कभी ना कभी-०२
यदि नाथ का नाम दयानिधि है।
जहाँ गिद्ध निषाद का आदर है-०२
जहाँ व्याध अजामील का घर है-०२
वही भेष बना के उसी घर में, हम जा ठहरेंगे कभी ना कभी,
यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी ना कभी-०२
यदि नाथ का नाम दयानिधि है।
जिस अंग की शोभा सुहावनी है-०२
जिस सांवली रंग में मोहनी है-०२
उस रूप सुधा से स्नेहियों के, दृग प्याले भरेंगे कभी ना कभी,
यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी ना कभी-०२
और इस भजन से भी आनंदित हों: जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है
हम द्वार आपके आ के खड़े-०२
मुद्दत से इसी जिद पर हैं अड़े-०२
अब सिन्धु तरे जो बड़े से बड़े,
बिंदु भी तरेंगे कभी ना कभी,
यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी ना कभी-०२
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी-०२



