वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है

  • Wo Naseebo Se Jyada De Raha Hai

बिन पानी के नाव खे रहा है-०३
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०२
बिन पानी के नाव खे रहा है-०२
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०२

भूखे उठते है पर भूखे सोते नहीं,
दुःख आते है हम पर तो रोते नहीं,
भूखे उठते है पर भूखे सोते नहीं
दुःख आते है हम पर तो रोते नहीं,
दिन रात,
दिन रात खबर ले रहा है-०२
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०२

मेरा छोटा सा घर महलो का राजा है वो,
मेरी औक़ात क्या महाराजा है वो,
मेरा छोटा सा घर महलो का राजा है वो,
मेरी औक़ात क्या महाराजा है वो,
फिर भी साथ,
फिर भी साथ मेरे रह रहा है-०२
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०२

बनवारी दीवाने बड़े से बड़े,
इनके चरणों में कंकड़ के जैसे पड़े,
बनवारी दीवाने बड़े से बड़े,
इनके चरणों में कंकड़ के जैसे पड़े,
फिर भी अर्ज़ी,
फिर भी अर्ज़ी मेरी सुन रहा है-०२
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०२
बिन पानी के, बिन पानी के ,
बिन पानी के नाव खे रहा है-०२
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है-०४

और इस प्यारी भजन का भी अवलोकन करें: तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं


मिलते-जुलते भजन...