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क्रतुण्ड महाकाय गणेश मंत्र

  • Vakratunda Mahakaya Ganesh Mantra

पूजन आरंभ करने से पहले सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी की स्तुति और स्मरण किया जाता है क्यूंकि शास्त्रों में लिखित है गणेश मंत्र के स्मरण मंत्र से आपके कार्य की सफलता निश्चित हो जाती है इसलिए तो गणेश जी विघ्नहर्ता कहा जाता है। तो आइये स्मरण करें वक्रतुण्ड महाकाय – गणेश मंत्र :-

वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

हिंदी भावार्थ एवं रूपांतरण

वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड
महाकाय: महा काया, विशाल शरीर
सूर्यकोटि: सूर्य के समान
समप्रभ: महान प्रतिभाशाली
निर्विघ्नं: बिना विघ्न
कुरु: पूरे करें
मे: मेरे
देव: प्रभु
सर्वकार्येषु: सारे कार्य
सर्वदा: हमेशा, सदैव

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥

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